बोली गयी हर ध्वनि के
बीचो-बीच रहता
ध्वनि के विलोम का अस्तित्व
चुप्पी की हर लहर को
ऊर्जा देती
चुप्पी के विलोम की तपन
ध्वनियों के विलोम
ध्वनियों पर आश्रित नही थे
विलोम होना
उनका स्वधर्म था
उनका विलोम कहलाना
हमारी भाषा की नाकामी
चुप्पियों के विलोम के बारे में
ये भी कहना मुमकिन नही था
कि ये दिखने में चुप्पियों जैसे थे
या विलोम के जैसे
दिखना यूं भी
एक अलग मसला है
मसलन, समानार्थी और पर्यायवाची दिखने में
कुछ भी और दिखने से
कम खतरा है
कम खतरा
अधिकतर ज्यादा खतरे का विलोम होता था
कम खतरा
कभी कभी ज्यादा खतरे का पर्यायवाची.
