रविवार, 4 अगस्त 2019

देखना

वान गॉग, wikipedia commons












एक सुन्दर तस्वीर को कैसे देखते हो तुम?

बहुत सारे रंग
थोड़ा सा समंदर
बहुत सारी रेत

तुम देखते हो 
तस्वीर और तुम्हारे बीच
एक छोटी सी दूरी
और ढेर सारा समय

जो तस्वीर में है
वो तुम नही हो
तुम उसका शोक हो

तुम एक दिन सारा शोक समेट कर
बहाने जाओगे नदी के पास
और कभी वापस नही लौटोगे

जहाँ तुम हो
वहाँ से उसे धन्यवाद दो
जो कभी वापस नही लौटेगा

तुम्हारी कृतज्ञता
उसे हिम्मत देगी
जिसे करनी है अभी
एक लम्बी यात्रा.


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