शुक्रवार, 7 दिसंबर 2018

हिबाकु-जुमोकु


हिरोशिमा में छह अगस्त को आसमान से बरसी थी आग
लील गयी थी वो सबकुछ
झुलस गया था सारा जीवन
और भाप हो गए थे सपने भी

उसके धुंए के छटने से पहले ही  वहां वापस हरे हो गए थे हिबाकु-जुमोकु पेड़

जब था कल्पना के भी धुंआ हो जाने का डर
तब पृथ्वी के गर्भ से निकला ये सबसे मानवीय आश्वासन था

तबसे से अब तक
चुका नही है ये आश्वासन

फिलिस्तीन की दीवारों पर भी उग आते हैं
और कश्मीर के बीचोंबीच गुज़रती बाड़बंदी पर चढ़ने लगते हैं वो
बामियान में बारूद की गंध उसके पत्तो ने ही सोखी
और पोखरन के उसको देख कर ही असल मे मुस्कुराये थे बुद्ध

इतिहास के पन्नो से नज़र उठा कर
मैं देखता हूँ किसी स्त्री के कान पर लगे झुमके जब भी
मेरी आँखों के सामने आ जाते है
 जापान के वही हिबाकु-जुमोकु पेड़

जोहानेस वेर्मीर की मशहूर कृति 'Girl with a pearl earring'













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