सोमवार, 18 मार्च 2019

हाथ - 1

गुस्ताव क्लिम् की मशहूर पेंटिंग 












प्रेम को छिटक जाने देना
गैर-इरादतन हत्या करने जैसा है
जिसमे जुर्म वही रहता है
बस सज़ा कम मिलती है.

हर हथियार की धार को कभी गौर से देखना
वो इतनी पैनी होती है
कि नही होती उसपर किसी माफी
या पछतावे के एक क्षण जितनी
महीन-सी भी जगह

तमाम कातिल अपना जुर्म
पूरी तरह तभी समझ पाते है
जब एक रोज़
मूठ की जगह उनका सामना चाकू की धार से होता है.

हमारे हाथो की सबसे गहरी लकीरें
चाकू को उल्टा पकड़ने से बने निशान है.


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