सोमवार, 17 मार्च 2014

महानदी और प्रेम











लड़का करेगा लम्बी यात्राऐं
पार करता शहर,
नदियाँ, जंगल, पर्वत
मन के एक हिस्से से
ह्रदय के केंद्र की ओर.

लड़का लिखेगा छोटी कविताएँ
जिससे बाहर रहेंगे दुनिया भर के यथार्थ
और सहेजी जाएगी केवल
सत्य-असत्य, प्रेम-अप्रेम,
और 
स्वप्न की खोज.

एक महासमुन्द्र के किनारे
लड़का करेगा महानदी से प्रेम
स्मृति और स्वप्न के मुहाने पर
रचेगा नए यथार्थ

कुछ और खारा हो जाएगा समंदर
थोड़ी और मीठी हो जाएगी नदी.