जब जवाब पहचान हो
और सवाल सुनना नागरिकता
तब पहचानना कि किसके सवाल
यज्ञ के अश्व है
जो रौंद देना चाहते है दसो दिशाएं
तुम समझना कि अंधी-सत्ता की महत्वाकांक्षा
दुनिया को समझना नही
दुनिया को सुलझाना है
तुम समझना कि अंधी-सत्ता की महत्वाकांक्षा
दुनिया को समझना नही
दुनिया को सुलझाना है
जैसे जीवन को सुलझा देती है विस्मृति
मिथकों को इतिहास
प्रेम को सम्बन्ध
और कविता को तुम.
मिथकों को इतिहास
प्रेम को सम्बन्ध
और कविता को तुम.
मुझे विश्वास है समझने में
जैसे बाढ़ को समझती है नदी
ज्वार को समंदर
स्मृति को मिथक
और कवि को कविता
सुलझा कर
तान दी जाती है प्रत्यंचाएं
समेट ली जाती है पतंगें
और खारिज कर दी जाती है सारी पहेलियाँ
तान दी जाती है प्रत्यंचाएं
समेट ली जाती है पतंगें
और खारिज कर दी जाती है सारी पहेलियाँ
केवल इसीलिए
मेरे मन की दिशा वर्जित है
तुम्हारे प्रश्नों के लिए
तुम्हारे अश्वो के लिए
तुम्हारे इश्वर के लिए.