और जो जी सकते है
उसमे क्या जिया हुआ ही यथार्थ है,
और बाकी सब संभावना?
मसलन मेरा घर से निकलना यथार्थ है
लेकिन बीच रास्ते में होना संभावना
मेरा लिखा यथार्थ है
तुम्हारा इसे पढ़ना - संभावना
या धू-धू कर जो जलता है चिता पर
वही होता है ठोस यथार्थ
और बीच-बीच में फूटती चिंगारियां
शोक मनाती संभावनाएं
कभी-कभी संदिग्ध होता यथार्थ
कभी कितनी विश्वसनीय लगती संभावनाएं
संदेह-विश्वास, प्रेम-संत्रास के बीच
ऊंट किस करवट बैठेगा -
ये हमारी भाषा का मुहावरा है.
---------------------------------------------------
संभावना और यथार्थ मानो सिक्के के दो पहलू हैं
और चित्त या पट का इंतज़ार
---------------------------------------------------
संभावना और यथार्थ मानो सिक्के के दो पहलू हैं
और चित्त या पट का इंतज़ार
बुरे अफसानानिगारो का शगल
मुझे नही पता ये विज्ञान है या दर्शन
या कि कपोल-कल्पित गल्प
लेकिन उम्मीदों का गुरुत्वाकर्षण बल न हो दुनिया मे अगर
तो रह सकता है अनंत काल तक हवा में
एक घूमता हुआ सिक्का
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें