रविवार, 15 जुलाई 2012

ख़ामोशी का भी अपना एक व्याकरण होता है.

इसके  भी
हर्फ़ होते है,
अलफ़ाज़ होते है
अल्फाजो का चयन होता है.

ख़ामोशी का भी अपना एक व्याकरण होता है.

उस घढ़ी की टिकटिक
इन हवाओ का चलना
और अब बारिश की टिप टिप

इस  संगीत में बस चुप रहने का मन होता है.

डुबो मत बैठना
इस सैलाब में खुद को
कहते है कहने वाले

ये सब तो बस कच्ची उम्र का उतावलापन होता है.

उसने चुना किनारा
मैंने चुना डूबना
वो भी सही, मै भी सही

आखिर सबका अपना अपना चयन होता है.

ड्राइंग-रूम में सजे पौधे ने
बगीचे से चिठ्ठी में कहा

ऐसे जीवन से बेहतर तो मरण होता है.





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